राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के खादी और ग्राम उद्योग बोर्ड (केवीआर्इबी) अपने-अपने राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करते हैं और खादी एवं ग्राम उद्योग आयोग (केवीआईसी) विभिन्न योजनाओं के अधीन केवीआर्इबी को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
इस समय ऐसी कोई योजना नहीं है, जिसके अधीन केवीआईसी आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को ऋण प्रदान करता हो। तथापि, सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) वर्ष 2008-09 से समूचे देश में गैर कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यम लगाकर सव-रोजगार पैदा करने के लिए केवीआईसी, केवीआईबी और जिला उद्योग केन्द्रों के जरिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) नामक ऋण संबंधी सब्सिडी कार्यक्रम कार्यान्वित कर रहा है। इस कार्यक्रम के अधीन सामान्य वर्ग के लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना की 25 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों 15 प्रतिशत मार्जिन मनी सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। जबकि अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक, महिलाएं, पूर्व सैनिक, शारीरिक रूप से विकलांग तथा उत्तर-पूर्वी क्षेत्र, पर्वतीय एवं सीमावर्ती क्षेत्र आदि विशेष वर्गों के लाभार्थियों के लिए मार्जिन मनी सब्सिडी ग्रामीण क्षेत्रों में 35 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत है। परियोजना की अधिकतम लागत विनिर्माण क्षेत्र में 25 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपये हैं।
महाराष्ट्र में गत तीन वर्षों के दौरान पीएमईजीपी के अधीन सहायता प्राप्त इकाईयों की संख्या और प्राप्त मार्जिन मनी सब्सिडी निम्नलिखित है:-
वर्ष |
दी गई मार्जिन मनी सब्सिडी
|
सहायता प्राप्त इकाईयों की संख्या |
2010-11 |
5244.46 |
4848 |
2011-12 |
4548.95 |
2705 |
2012-13 |
6828.23 |
2948 |
यह जानकारी सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री के. एच. मुनियप्पा ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।